बुधवार, 2 नवंबर 2016

मेरे तीन शेर




एक
खुदा   का  नाम  लेने में तो मुझ से देर हो जाती
खुदा के नाम से पहले हम उनका नाम लेते हैं
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दो
पाया है सदा उनको खुदा के रूप में दिल में
उनकी बंदगी कर के खुदा को पूज लेते हैं
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तीन 
न मँदिर में न मस्जिद में न गिरजा में हम जाते हैं
जब नजरें चार उनसे हो ,खुदा के दर्श पाते   हैं



मेरे तीन शेर 
मदन मोहन सक्सेना




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